एक बार एक पति और पत्नी में लड़ाई हो जाती है तो पति परेशान हो कर बाज़ार जाता है और आत्महत्या करने के इरादे से एक बोतल ज़हर ले कर आ जाता है।
घर लौट कर वह अपनी पत्नी से कहता है।
पति: मैं तुम्हारी रोज़ की किटकिट से परेशान हो गया हूँ और इसीलिए मैं अपनी जान दे रहा हूँ और इतना कह कर वह ज़हर की बोतल अपने मुंह में उड़ेल लेता है।
परंतु ज़हर खाने के बाद उसकी मौत होने के बजाये उसकी तबियत खराब हो जाती तो पत्नी गुस्से से उस से कहती है।
पत्नी: तुम कोई काम ढंग से नहीं कर सकते सौ बार तुमसे कहा है कि चीजें देखकर खरीदा करो पैसे भी गए और जिस काम के लिए ज़हर लाए थे वो भी नहीं हुआ
घर लौट कर वह अपनी पत्नी से कहता है।
पति: मैं तुम्हारी रोज़ की किटकिट से परेशान हो गया हूँ और इसीलिए मैं अपनी जान दे रहा हूँ और इतना कह कर वह ज़हर की बोतल अपने मुंह में उड़ेल लेता है।
परंतु ज़हर खाने के बाद उसकी मौत होने के बजाये उसकी तबियत खराब हो जाती तो पत्नी गुस्से से उस से कहती है।
पत्नी: तुम कोई काम ढंग से नहीं कर सकते सौ बार तुमसे कहा है कि चीजें देखकर खरीदा करो पैसे भी गए और जिस काम के लिए ज़हर लाए थे वो भी नहीं हुआ
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