Wednesday, September 30, 2015

एक बार एक आदमी...

एक बार एक आदमी शनिवार कि सुबह कुछ बड़ी ही असामान्य सी आशंका के साथ उठ बैठता है जिसमे उससे लगता है कि आज का दिन उसके लिए कुछ अलग होने वाला है!

इसी विचार के साथ खिड़की पर लगे उष्णमापन यन्त्र कि ओर उसकी नज़र जाती है तो वह देखता है कि उसमे तापमान 33 डिग्री होता है!

वह सीढियों से नीचे जाता है तो देखता है कि दीवार पर लगी घडी भी 3 बजे पर रुकी हुई होती है!

जैसे ही वह दरवाज़े पर पहुँच कर अख़बार उठता है तो देखता है है आज तारीख भी 3 ही है!

वह इस विश्वास के साथ कि आज की तीसरी दौड़ में त्रिकाल नाम का घोडा भी दौड़ रहा होगा फटाफट अखबार के पन्ने पलटा कर घुडदौड वाले स्तम्भ में पहुँच जाता है!

और जैसे ही उससे वह नाम दिखता है वह फ़टाफ़ट बैंक जाता है और जितने भी पैसे उसके पास होते हैं उन्हें निकाल कर त्रिकाल नाम के घोड़े पर दाव लगा देता है!

और जब दौड़ खत्म होती है तो त्रिकाल नाम का घोडा तीसरे स्थान पर आता है!

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